व्रत-उपवास:7 मई को है वैशाख महीने की एकादशी, इससे मिलता है कई सालों की तपस्या का फल

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  • इस एकादशी का नाम वरुथिनी है और महाभारत में किया गया है इस व्रत का जिक्र

वैशाख महीने की पहली एकादशी 7 मई को रहेगी। ये हिंदू कैलेंडर की तीसरी एकादशी रहेगी। इसे वरुथिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और व्रत से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। इस एकादशी के बारे में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को इस व्रत के बारे में बताया था। इस व्रत से सौभाग्य और आरोग्य भी मिलता है।

मिलता है सालों तक तपस्या करने जितना फल
वरुथिनी एकादशी व्रत का जिक्र महाभारत में क‍िया गया है। इस व्रत में भगवान विष्णु की विशेष पूजा और आराधना की जाती है। ये एकादशी वैशाख महीने के कृष्णपक्ष में आती है। इस महीने के स्वामी भगवान विष्णु ही है। इसलिए ये तिथि और भी खास है। इस दिन व्रत और पूजा करने से कई सालों तक तपस्या करने जितना फल मिलता है।

वरुथिनी एकादशी व्रत 2021 त‍िथि और मुहूर्त

वरुथिनी एकादशी व्रत, 7 मई 2021, शुक्रवार एकादशी तिथि शुरू: 06 मई 2021 को दोपहर 02.20 मिनट से एकादशी तिथि खत्म: 07 मई 2021 को शाम 03.35 मिनट पर

एकादशी व्रत पारण मुहूर्त: 08 मई को सुबह 5.35 से सुबह 08.16 तक

वरुथिनी एकादशी व्रत का महत्‍व
वरुथिनी एकादशी का अपना एक विशेष महत्व होता है। इस दिन व्यक्ति भगवान विष्णु की पूजा आराधना करते है। पूजा संपन्न होने के बाद अपने यथाशक्ति के अनुसार व्रती दान पुण्य करते है। ऐसी मान्यता है, कि इस दिन दान पुण्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। व्यक्ति द्वारा किए गए सभी पापों का शीघ्र ही अंत हो जाता है।