Famous Quotes

Famous Quotes of Mahatma Gandhi

“Be the change that you wish to see in the world.”
― Mahatma Gandhi


“The weak can never forgive. Forgiveness is the attribute of the strong.”
― Mahatma Gandhi, 


“Live as if you were to die tomorrow. Learn as if you were to live forever.”
― Mahatma Gandhi


“An eye for an eye will only make the whole world blind.”
― Mahatma Gandhi


“Happiness is when what you think, what you say, and what you do are in harmony.”
― Mahatma Gandhi


“When I despair, I remember that all through history the way of truth and love have always won. There have been tyrants and murderers, and for a time, they can seem invincible, but in the end, they always fall. Think of it–always.”
― Mahatma Gandhi


“Prayer is not asking. It is a longing of the soul. It is daily admission of one’s weakness. It is better in prayer to have a heart without words than words without a heart.”
― Mahatma Gandhi


“Hate the sin, love the sinner.”
― Mahatma Gandhi


“Your beliefs become your thoughts,
Your thoughts become your words,
Your words become your actions,
Your actions become your habits,
Your habits become your values,
Your values become your destiny.”
― Gandhi

Famous quotes on Book
book is a gift you can open again and again.
In Hindi: किताब एक ऐसा उपहार है जिसे आप बार-बार खोल सकते हैं.

– Garrison Keillor 

Reading one book is like eating one potato chip.

In Hindi: एक किताब पढ़ना एक आलू चिप खाने की तरह है.

– Diane Duane 

The best books… are those that tell you what you know already.

In Hindi: सबसे अच्छी किताबें….वे हैं जो आपको वो बताएं जो आप पहले से जानते हों.

– George Orwell

My books are like water; those of the great geniuses are wine. (Fortunately) everybody drinks water.

In Hindi : मेरी किताबें पानी की तरह हैं; और उन महान प्रतिभाओं की शराब की तरह. (सौभाग्यवश) सभी लोग पानी पीते हैं.

– Mark Twain 

You cannot open a book without learning something.

In Hindi: आप बिना कुछ सीखे किताब नहीं खोल सकते.

-Confucius

Of course I loved books more than people.

In Hindi: बेशक मैं लोगों से अधिक किताबों से प्यार करता हूँ.

-Diane Setterfield 

Always read stuff that will make you look good if you die in the middle of it.

In Hindi: हमेशा ऐसी चीज पढ़िए जिसे पढ़ते वक़्त यदि आप मर भी जाएं तो लोग आपको अच्छा समझें.

-P.J. O’Rourke 

I even love the smell of books.

In Hindi: मुझे तो किताबों कि गंध से भी प्यार है.

– Adriana Trigiani

Famous Quotes of Mahatma Buddha

“जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, मनुष्य भी आध्यात्मिक जीवन के बिना नहीं जी सकता.

“वह लोग जो केवल सलाह देते है वे अपने आस-पास के लोगो को परेशान करते रहते है।”

“क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेकने की नियत से पकडे रहने के समान हैं, इसमें आप ही जलते हैं।

“पैर तभी पैर महसूस करता है जब वह जमीन को छू लेता है।”

“तीन चीजें ज्यादा देर तक नहीं छुप सकती, सूरज, चंद्रमा और सत्य।

“एक आदमी सिर्फ और सिर्फ बोलते रहने की वजह से ज्ञानी नही कहलाता, बल्कि वह शांतिपूर्ण, प्यारा और निडर होने की वजह से ज्ञानी कहलाता है।”

“घृणा, घृणा करने से कम नही होती, बल्कि प्रेम करने से कम होती है. यही शाश्वत नियम है।“

“एक मोमबत्ती से हजारो मोमबत्तिया जलाई जा सकती है, इस से मोमबत्ती का जीवन कम नही होगा। उसी तरह ख़ुशी भी बाटने से कम नही होती।”

“यहाँ तक की बुद्धिमानी से जीनेवाले को मौत से भी डर नही लगता।“

“अनुशासनहीन दिमाग जितना अनाज्ञाकारी कोई नही और अनुशासित दिमाग जितना आज्ञाकारी कोई नही।“

Famous Quotes of Munshi Premchand

“कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सदव्यवहार से होती है, हेकड़ी और रुआब दिखाने से नहीं।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“मन एक भीरु शत्रु है जो सदैव पीठ के पीछे से वार करता है।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“चापलूसी का ज़हरीला प्याला आपको तब तक नुकसान नहीं पहुँचा सकता जब तक कि आपके कान उसे अमृत समझ कर पी न जाएँ।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“महान व्यक्ति महत्वाकांक्षा के प्रेम से बहुत अधिक आकर्षित होते हैं।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“जिस साहित्य से हमारी सुरुचि न जागे, आध्यात्मिक और मानसिक तृप्ति न मिले, हममें गति और शक्ति न पैदा हो, हमारा सौंदर्य प्रेम न जागृत हो, जो हममें संकल्प और कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने की सच्ची दृढ़ता न उत्पन्न करे, वह हमारे लिए बेकार है वह साहित्य कहलाने का अधिकारी नहीं है।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“आकाश में उड़ने वाले पंछी को भी अपने घर की याद आती है।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“जिस प्रकार नेत्रहीन के लिए दर्पण बेकार है उसी प्रकार बुद्धिहीन के लिए विद्या बेकार है।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“न्याय और नीति लक्ष्मी के खिलौने हैं, वह जैसे चाहती है नचाती है।” ~ मुंशी प्रेमचंद 

“युवावस्था आवेशमय होती है, वह क्रोध से आग हो जाती है तो करुणा से पानी भी।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“अपनी भूल अपने ही हाथों से सुधर जाए तो यह उससे कहीं अच्छा है कि कोई दूसरा उसे सुधारे।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“देश का उद्धार विलासियों द्वारा नहीं हो सकता। उसके लिए सच्चा त्यागी होना आवश्यक है।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“मासिक वेतन पूरनमासी का चाँद है जो एक दिन दिखाई देता है और घटते घटते लुप्त हो जाता है।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात नहीं कहता, वह केवल दूसरों का दिल दुखाना चाहता है।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“अनुराग, यौवन, रूप या धन से उत्पन्न नहीं होता। अनुराग, अनुराग से उत्पन्न होता है।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“दुखियारों को हमदर्दी के आँसू भी कम प्यारे नहीं होते।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“विजयी व्यक्ति स्वभाव से, बहिर्मुखी होता है। पराजय व्यक्ति को अन्तर्मुखी बनाती है।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“अतीत चाहे जैसा हो, उसकी स्मृतियाँ प्रायः सुखद होती हैं।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“दुखियारों को हमदर्दी के आंसू भी कम प्यारे नहीं होते।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“मै एक मज़दूर हूँ। जिस दिन कुछ लिख न लूँ, उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“निराशा सम्भव को असम्भव बना देती है।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“बल की शिकायतें सब सुनते हैं, निर्बल की फरियाद कोई नहीं सुनता।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“दौलत से आदमी को जो सम्मान मिलता है, वह उसका नहीं, उसकी दौलत का सम्मान है।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“संसार के सारे नाते स्नेह के नाते हैं, जहां स्नेह नहीं वहां कुछ नहीं है।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“जिस बंदे को पेट भर रोटी नहीं मिलती, उसके लिए मर्यादा और इज्जत ढोंग है।” ~ मुंशी प्रेमचंद 

“खाने और सोने का नाम जीवन नहीं है, जीवन नाम है, आगे बढ़ते रहने की लगन का।” ~ मुंशी मुंशी प्रेमचंद

“जीवन की दुर्घटनाओं में अक्सर बड़े महत्व के नैतिक पहलू छिपे हुए होते हैं!” ~ मुंशी प्रेमचंद

“नमस्कार करने वाला व्यक्ति विनम्रता को ग्रहण करता है और समाज में सभी के प्रेम का पात्र बन जाता है।” ~ मुंशी प्रेमचंद 

“अच्छे कामों की सिद्धि में बड़ी देर लगती है, पर बुरे कामों की सिद्धि में यह बात नहीं।” ~ मुंशी प्रेमचंद

“स्वार्थ की माया अत्यन्त प्रबल है |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“केवल बुद्धि के द्वारा ही मानव का मनुष्यत्व प्रकट होता है |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“कार्यकुशल व्यक्ति की सभी जगह जरुरत पड़ती है |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“दया मनुष्य का स्वाभाविक गुण है।” ~मुंशी प्रेमचंद

“सौभाग्य उन्हीं को प्राप्त होता है, जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचल रहते हैं |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“कर्तव्य कभी आग और पानी की परवाह नहीं करता | कर्तव्य~पालन में ही चित्त की शांति है |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“नमस्कार करने वाला व्यक्ति विनम्रता को ग्रहण करता है और समाज में सभी के प्रेम का पात्र बन जाता है |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“अन्याय में सहयोग देना, अन्याय करने के ही समान है |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“आत्म सम्मान की रक्षा, हमारा सबसे पहला धर्म है |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“मनुष्य कितना ही हृदयहीन हो, उसके ह्रदय के किसी न किसी कोने में पराग की भांति रस छिपा रहता है| जिस तरह पत्थर में आग छिपी रहती है, उसी तरह मनुष्य के ह्रदय में भी ~ चाहे वह कितना ही क्रूर क्यों न हो, उत्कृष्ट और कोमल भाव छिपे रहते हैं|” ~ मुंशी प्रेमचंद

“जो प्रेम असहिष्णु हो, जो दूसरों के मनोभावों का तनिक भी विचार न करे, जो मिथ्या कलंक आरोपण करने में संकोच न करे, वह उन्माद है, प्रेम नहीं|” ~ मुंशी प्रेमचंद

“मनुष्य बिगड़ता है या तो परिस्थितियों से अथवा पूर्व संस्कारों से| परिस्थितियों से गिरने वाला मनुष्य उन परिस्थितियों का त्याग करने से ही बच सकता है|” ~ मुंशी प्रेमचंद

“चोर केवल दंड से ही नहीं बचना चाहता, वह अपमान से भी बचना चाहता है| वह दंड से उतना नहीं डरता जितना कि अपमान से|” ~ मुंशी प्रेमचंद

“जीवन को सफल बनाने के लिए शिक्षा की जरुरत है, डिग्री की नहीं| हमारी डिग्री है ~ हमारा सेवा भाव, हमारी नम्रता, हमारे जीवन की सरलता| अगर यह डिग्री नहीं मिली, अगर हमारी आत्मा जागृत नहीं हुई तो कागज की डिग्री व्यर्थ है|” ~ मुंशी प्रेमचंद

“साक्षरता अच्छी चीज है और उससे जीवन की कुछ समस्याएं हल हो जाती है, लेकिन यह समझना कि किसान निरा मुर्ख है, उसके साथ अन्याय करना है|” ~ मुंशी प्रेमचंद

“दुनिया में विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई भी विद्यालय आज तक नहीं खुला है|”~ मुंशी प्रेमचंद

“हम जिनके लिए त्याग करते हैं, उनसे किसी बदले की आशा ना रखकर भी उनके मन पर शासन करना चाहते हैं| चाहे वह शासन उन्हीं के हित के लिए हो| त्याग की मात्रा जितनी ज्यादा होती है, यह शासन भावना उतनी ही प्रबल होती है|”~ मुंशी प्रेमचंद

“क्रोध अत्यंत कठोर होता है| वह देखना चाहता है कि मेरा एक~एक वाक्य निशाने पर बैठा है या नहीं| वह मौन को सहन नहीं कर सकता| ऐसा कोई घातक शस्त्र नहीं है जो उसकी शस्त्रशाला में न हो, पर मौन वह मन्त्र है जिसके आगे उसकी सारी शक्ति विफल हो जाती है|”~ मुंशी प्रेमचंद

“कुल की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और सद्व्यवहार से होती है, हेकड़ी और रुबाब दिखाने से नहीं|”~ मुंशी प्रेमचंद

“सौभाग्य उन्हीं को प्राप्त होता है जो अपने कर्तव्य पथ पर अविचल रहते हैं|”~ मुंशी प्रेमचंद

“दौलत से आदमी को जो सम्मान मिलता है, वह उसका नहीं, उसकी दौलत का सम्मान है|”~ मुंशी प्रेमचंद

“ऐश की भूख रोटियों से कभी नहीं मिटती| उसके लिए दुनिया के एक से एक उम्दा पदार्थ चाहिए|”~ मुंशी प्रेमचंद

“किसी किश्ती पर अगर फर्ज का मल्लाह न हो तो फिर उसके लिए दरिया में डूब जाने के सिवाय और कोई चारा नहीं|”~ मुंशी प्रेमचंद

“मनुष्य का उद्धार पुत्र से नहीं, अपने कर्मों से होता है| यश और कीर्ति भी कर्मों से प्राप्त होती है| संतान वह सबसे कठिन परीक्षा है, जो ईश्वर ने मनुष्य को परखने के लिए दी है| बड़ी~बड़ी आत्माएं, जो सभी परीक्षाओं में सफल हो जाती हैं, यहाँ ठोकर खाकर गिर पड़ती हैं|”~ मुंशी प्रेमचंद

“नीतिज्ञ के लिए अपना लक्ष्य ही सब कुछ है| आत्मा का उसके सामने कुछ मूल्य नहीं| गौरव सम्पन्न प्राणियों के लिए चरित्र बल ही सर्वप्रधान है|”~ मुंशी प्रेमचंद

“यश त्याग से मिलता है, धोखाधड़ी से नहीं |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“जीवन का वास्तविक सुख, दूसरों को सुख देने में हैं, उनका सुख लूटने में नहीं |” ~ मुंशी मुंशी प्रेमचंद

“लगन को कांटों कि परवाह नहीं होती |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“उपहार और विरोध तो सुधारक के पुरस्कार हैं |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“जब हम अपनी भूल पर लज्जित होते हैं, तो यथार्थ बात अपने आप ही मुंह से निकल पड़ती है |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“अपनी भूल अपने ही हाथ सुधर जाए तो,यह उससे कहीं अच्छा है कि दूसरा उसे सुधारे |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“विपत्ति से बढ़कर अनुभव सिखाने वाला कोई विद्यालय आज तक नहीं खुला|” ~ मुंशी प्रेमचंद

“आदमी का सबसे बड़ा दुश्मन गरूर है|” ~ मुंशी प्रेमचंद

“सफलता में दोषों को मिटाने की विलक्षण शक्ति है|” ~ मुंशी प्रेमचंद

“डरपोक प्राणियों में सत्य भी गूंगा हो जाता है |” ~ मुंशी प्रेमचंद

“चिंता रोग का मूल है।” – मुंशी प्रेमचंद

“चिंता एक काली दिवार की भांति चारों ओर से घेर लेती है, जिसमें से निकलने की फिर कोई गली नहीं सूझती।” – मुंशी प्रेमचंद

FAMOUS QUOTES ON READING

Although many people understand the importance of reading, many still struggle to cultivate a better and consistent reading habit. A practical way to approach it is to first determine your reading goals and have a deep willingness to read and grow in the process.


Inspirational thoughts which inspire you to be good learner :

A book is a dream that you hold in your hand.–Neil Gaiman

Reading is an act of civilization; it’s one of the greatest acts of civilization because it takes the free raw material of the mind and builds castles of possibilities. —Ben

“I feel the need of reading. It is a loss to a man not to have grown up among books.” —Abraham Lincoln

“Reading should not be presented to children as a chore or duty. It should be offered to them as a precious gift.” — Kate DiCamillo

“It’s one of the greatest gifts that reading can give a person: easy access to peace inside, even when the world outside is in shambles.” – J. W.

 “No matter how busy you may think you are, you must find time for reading, or surrender yourself to self-chosen ignorance.” — Confucius

“No matter who you are, no matter where you live, and no matter how many people are chasing you, what you don’t read is often as important as what you do read.” ― Lemony Snicket

Inspirational Quotes/Message/Festivals

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