किसी बेइज्ती को यूं दिल से ना लगा लेना,
पति है परमेश्वर तेरा,
धूल कदमो की उठा लेना,
माथे का सिंदूर बना लेना,
बाबा की इज्जत है आर्षित तुझी पे
Category: Social Issues Poems
क्या-क्या किया और क्या-क्या कराया – Poem on Selfishness
क्या-क्या किया और क्या-क्या कराया
इस लाइफ ने बड़ा सताया-बड़ा सताया
दिन मुझको औकात, दिखाने वाले आ गए,,,
पाँव में छाले आ गए, पाँव में छाले आ गए…
Poem on Philosophy of life
जंगल, पहाड़, सेहरा, नदी, देखते चले
राहो की धुप छाँव को भी देखते चले
क्या जाने कब कहाँ पर कोई लूट ले हमे
शहरो की शाहराह गली देखते चले
1 Close to Heart Social Issues Poems – सड़क पर एक अकेली लडकी
सड़क पर एक अकेली लडकी
इतनी असुरक्षित कभी न थी
जितनी आज है
सभ्यता जिसने दुनिया को सिखलाई
उस भारत को महान कहने में अब
आने लगी लाज है