Synopsis
वो हैं आसमान और मैं हूँ ज़मीन – LOVE POEMS FOR HIM/HER
वो हैं आसमान और मैं हूँ ज़मीन
वो हैं आसमान और मैं हूँ ज़मीन
दिखता दूर मिलन पर हो ऩही
फिर भी एक आस है
वो मेरे साथ है
रंग बदलता साथ में
जब वो बदलती अंदाज़ है
कभी खुशी कभी दुख की रोती वो
पर हर लम्हा मैं सहेज लेता हूँ
दिल के इस बड़े समुंदर में,
दिन हो या रात
निहारता रहता हूँ उसको
उसकी काली पीली मनमोहक सौन्द्र्य
दीवाना बनाती मुझको,
लोग जब देखते हैं इसको
कवि की कविता लगती उनको
कोई बादल को और कोई मौसम का
दीवानापन कह देता,
पर में बेचारा
दीवाना होकर भी बेगाना हूँ
दिल का हाल ना पूछो हमसे
हम तो…….
कविता भी ऩही
उसकी चन्द पंक्ति से भी दूर हूँ
-गूँजेश गुंजन
LOVE POEMS FOR HIM