Synopsis
स्वतंन्त्रा संग्राम सेनानियों का स्मरण । – Patriotic Poems Hindi
स्वतंन्त्रा संग्राम सेनानियों का स्मरण ।
अमर रहेंगें सदा हमारे स्वतंन्त्रा सैनानी ,
यह स्वतंन्त्रा जिनकी कुवार्नी है ।
ये गीत सदा गाते रहें हम ,
अमर जवानों की जो जवानी है ।
ब्रिटिश सेना तोपों आगे ,
ढाल तलवारें क्या कर पाते ।
तोपें की भयंकर आवाजें ,
आगे कोई बड़ न पाते ।
लाठी टेक कर बड़ते गाँधी ,
अनोखा शस्त्र अपनाया था ।
असहयोगास्त्र गांधी जी का ,
तोप फिरंगी भेद न पाया था ।
याद करें आज उन लोगों को ,
बदोलत जिनकी आजादी पाये है ।
गुलामी से आजादी पाने में ,
कितने लहु प्रान हम बहाये है ।
जागृति जन आनदोलन के आगे ,
ब्रिटिश दमन चक्र चलाये थे ।
जेलें भर मृत्यु दण्ड देकर ,
अत्याचार बहुत अपनाये थे ।
न हटते पिछे कभी कोई ,
आगे बड़-बड़ कर जान देते थे ।
आजादी पाने के लिये ,
गांधी जी न अकेले थे ।
तुम दो खून हम दंगे आजादी ,
बोस सुभाष चन्द्र का नारा था ।
जन-जन के मन में तब ,
मर मिटने का मन भाया था ।
संघर्ष किये मर-मिटे देश पर ,
आजादी की कीमत यह पहचानी है ।
जी रहें आज स्वतंन्त्र जहाँ में ,
ये आजादी ऐसे ही नहीं पायी है ।
याद करें आज हम उनको ,
कदम मिलाना जो सिखाये है ।
जय हो जय हो जय हो सदा ,
बदोलत जिनकी स्वतंन्त्रा पाये है ।
कैसे लड़े स्वतंन्त्रा सैनानी ,
अंग्रेजी हुकुमत राज था ।
भारत की जनता के ऊपर ,
ब्रिटिश कर और अत्याचार था ।
कब तक चलेगी यह ताना-शाही ,
उग्र गरम दल बन आया था ।
भगत सिहं आजाद चन्द्र शेखर सुखदेव ने ,
आजादी पाने का नया राह अपनाया था ।
दमन कारियों का दमन करने का ,
नया आन्दोलन एक चलाया था ।
एकत्रित्त करना था जनता को ,
ब्रिदोह बिगुल बजाना था ।
स्वतंन्त्रा संग्राम शुरु किया जिन्होनें ,
कौन थे क्या क्या नाम था ।
अमर रहेंगें सदा ये स्वतंन्त्रा सैनानी ,
यह स्वतंन्त्रा जिनकी कुवार्नी है ।
ये गीत सदा गाते रहें हम ,
अमर जवानों की यह जवानी है ।
– रेबा धर पंत
स्वतंन्त्रा संग्राम सेनानियों का स्मरण । – Patriotic Poems Hindi