Synopsis
कल दोस्त ने कहा चल भुट्टा खाते हैं – Hasya Kavitaकिसानों का नेताओं से निवेदन – Humorous Poems in Hindi
कल दोस्त ने कहा चल भुट्टा खाते हैं,
कल दोस्त ने कहा चल भुट्टा खाते हैं,
नई बाइक ली है थोड़ा घूम के आते हैं!
पहुचे भुट्टे वाले के पास कहा दो भुट्टे बना दो,
थोड़ा नमक लगाना, पर नींबू बढ़िया लगा दो!
इतने में कहीं से एक पुलिस की जिप्सी आई,
जिसमे था एक ड्राइवर, एक थानेदार और दो सिपाही!
पीछे से उतरा सिपाही, बोला कहाँ से आए हो,
यहाँ क्यों घूम रहे हो और ये बाइक कहाँ से लाए हो?
मैने कहा सर लोकल हैं यहीं के, भुट्टा खाने आए हैं,
थोड़ा घूमने का मूड था, नई बाइक लाए हैं!
इतने में थानेदार बोला, बाइक के काग़ज़ दिखाओ,
और ये दो तैयार भुट्टे किसके हैं, इन्हे इधर लाओ!
मैने बाइक के काग़ज़ निकाले और साहब को दिखाए,
साहब ने काग़ज़ देखे, बिना भुट्टे से नज़र हटाए!
जनाब चोरी की बाइक है, एक कॉन्स्टेबल फुसफुसाया,
चोर हैं जी, नंबर भी गुम है, कहते हुए भुट्तों को उठाया!
मैने कहा सर नई बाइक है, नंबर तो अभी आएगा,
सिपाही बोला अच्छा जी, अब तू साहब को सिखाएगा!
इतना कह के सिपाही ने मुझसे बाइक की चाबी ली,
पेट्रोल तो है ना, पूछते हुए मेरी मोटरसाइकल स्टार्ट की!
बोला जा के पूरे काग़ज़ ला, फिर थाने आ जाना,
ये मेरा नंबर है, आने से पहले फोन ज़रूर मिलाना!
थानेदार बोला प्यार से, बेटा शाम को आ जाइयो,
और हां, ठेके से दो बलेंडर प्राइड पकड़ लाइयियो!
जब वो चले गये तो मैने एक दोस्त को फोन मिलाया,
पैसे ले के गाड़ी में आना और उसे जगह का बताया!
दोस्त आया पैसे लेके, जो बोला था वो सामान लिया,
बॅलेन्स डलवाया अपने फोन में, फिर सिपाही को फोन किया!
सिपाही ने फोन उठाया, बोला सीधे थाने आ जाओ!
और हां मेरे नंबर पे 200 का बॅलेन्स डलवाओ!
बॅलेन्स डलवाया, थाने पहुचे, देखा बाइक नज़र नही आई,
बोतलें दी, बड़े प्यार से पूछा, बाइक मेरी कहाँ है भाई!
सिपाही बोला थोड़ी देर पहले साहब का बेटा आया था,
बाकी मुझे पता नहीं, हाँ चाबी को उसने उठाया था!
इतने में एक लड़का मेरी बाइक पे कहीं से आया,
इसकी है ये बाइक कह के सिपाही ने मेरा परिचय कराया!
पूछा मैने भाई साहब क्या मैं अपनी बाइक ले जाऊँ,
या फिर दारू के साथ खाने को भी कुछ लाऊँ!
सिपाही बोला अभी नही, पहले साहब को आने दे,
अपने दोस्त को भेज बाहर और चिकन पकोड़ा लाने दे!
साहब आए, बाइक मिली, जान में जान आई,
कसम खाई, आज के बाद भुट्टा नहीं खाऊंगा भाई!
आज के बाद भुट्टा नहीं खाऊंगा भाई!
– रमन अरोड़ा
Hasya Kavita