फेसबुक सा फेस है तेरा, गूगल सी हैं आँखें- hasya kavita on internet
फेसबुक सा फेस है तेरा, गूगल सी हैं आँखें
Synopsis
फेसबुक सा फेस है तेरा, गूगल सी हैं आँखें
एंटर करके सर्च करूँ तो बस मुझको ही ताकें
रेडिफ जैसे लाल गाल तेरे हॉटमेल से होंठ
बलखा के चलती है जब तू लगे जिगर पे चोट
सुराही दार गर्दन तेरी लगती ज्यों जी-मेल
अपने दिल के इंटरनेट पर पढ़ मेरा ई-मेल
मैंने अपने प्यार का फारम कर दिया है अपलोड
लव का माउस क्लिक कर जानम कर इसे डाउनलोड
हुआ मैं तेरे प्यार में जोगी, तू बन जा मेरी जोगिन
अपने दिल की वेबसाईट पर कर ले मुझको लोगिन
तेरे दिल की हार्डडिस्क में और कोई न आये
करे कोई कोशिश भी तो पासवर्ड इनवैलिड बतलाये
गली मोहल्ले के वायरस जो तुझ पर डोरे डालें
एन्टी वायरस सा मैं बनकर नाकाम कर दूँ सब चालें
अपने मन की मेमोरी में सेव तुझे रखूँगा
तेरी यादों की पैन ड्राइव को दिल के पास रखूँगा
तेरे रूप के मॉनिटर को बुझने कभी न दूँगा
बनके तेरा यू पी एस मैं निर्बाधित पावर दूँगा
भेज रहा हूँ तुम्हें निमंत्रण फेसबुक पर आने का
तोतों को मिलता है जहाँ मौका चोंच लड़ाने का
फेसबुक की ऑनलाईन पर बत्ती हरी जलाएंगे
फेसबुक जो हुआ फेल तो याहू पर पींग बढ़ायेंगे
एक-दूजे के दिल का डाटा आपस में शेयर करायेंगे
फिर हम दोनों दूर के पंछी एक डाल के हो जायेंगे
की-बोर्ड और उँगलियों जैसा होगा हमारा प्यार
बिन तेरे मैं बिना मेरे तू होगी बस बेकार
फिर हम आजाद पंछी शादी के सी पी यू में बन्ध जायेंगे
इस दुनिया से दूर डिजिटल की धरती पे घर बनाएँगे
फिर हम दोनों प्यासे-प्रेमी नजदीक से नजदीकतर आते जायेंगे
जुड़े हुए थे अब तक सॉफ्टवेयर से अब हार्डवेयर से जुड़ जायेंगे
तेरे तन के मदरबोर्ड पर जब हम दोनों के बिट टकराएँगे
बिट से बाइट्स, फिर मेगा बाइट्स फिर गीगा बाइट्स बन जायेंगे
ऐसी आधुनिक तकनीकयुक्त बच्चे जब इस धरती पर आयेंगे
सच कहता हूँ आते ही इस दुनिया में धूम मचाएंगे
डाक्टर और नर्स सभी दांतों तले उंगली दबाएंगे
होगे हमारे 6g बच्चे और याहू-याहू चिल्लायेंगे….
– शुभम सराफ
फेसबुक सा फेस है तेरा, गूगल सी हैं आँखें- hasya kavita on internet