Synopsis
5 Best Love Poems in Hindi
प्रेम सबसे अलग एक एहसास है।
प्रेम सबसे अलग एक एहसास है इस को शब्दो का हार पहनाना बहुत ही मुश्किल है। सच्चे रिश्तों की अहमियत हमें सदैव करना चाहिए क्योंकि यही हमारी असली पूंजी है ।
किसी भी रिश्ते को पोषण देने के लिए प्यार एक आवश्यक घटक है। चाहे वह माता-पिता-बच्चे का रिश्ता हो, दोस्ती हो, भाई-बहन का रिश्ता हो या कोई रोमांटिक रिश्ता – प्यार किसी भी रिश्ते को जीवित रखने वाले मुख्य कारकों में से एक है। प्यार के बिना रिश्ते आमतौर पर अल्पकालिक होते हैं क्योंकि वे खुशी प्रदान नहीं करते हैं।
प्यार के इन्ही रंगों मे एक रंग है प्रेमी प्रेमिका का प्यार, निचे आप इन्ही रंगों की ख़बसूरती को महसूस करेंगे।
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मै जिन्दगी का वो फलसफा लिखू कैसे,
किन लम्हों ने की थी क्या खता लिखू कैसे,
हर एक पल का वो साथ ख्वाब सा था,
कितना हसींन था वो सिलसिला लिखू कैसे,
जो कभी मेरे दिल के बेहद करीब सा था,
अब उस से है क्या क्या गिला लिखू कैसे,
खुद को खोया एक अरसा जिस जुस्तजू में,
आज उस कशमकश का वो सिला लिखू कैसे,
मेरे चमन का वो गुल जो अब मेरा नहीं,
वो आखिर है किसको मिला लिखू कैसे।।
-आदित्य प्रकाश
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मेरी आँखों में मुहब्बत के जो मंज़र हैं
तुम्हारी ही चाहतों के समंदर हैं
मैं हर रोज चाहता हूँ कि तुझसे ये कह दूँ मगर
लबों तक नहीं आता जो मेरे दिल के अन्दर है
-दिनेश गुप्ता ‘दिन’
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“कुछ और ही था “
आज तो मीलों दूर हैं हम, पर तब का ज़माना और ही था.
हर रोज कहीं खो जाते थे ,खोने का मज़ा कुछ और ही था।
उनसे मिलने की आशा में ,जाते थे मिलों दुर यूँही.
जिस रोज हमें मिल जाती थी,मिलने का मज़ा कुछ और ही था।
हर रोज ही लड़ते रहते थे, अन्दर से प्यार झलकता था.
हर रोज रूठ वो जाते थे,अंदाज-ऐ-अदा वो और ही था.
पानी पीकर आते थे वो ,और प्यास हमें लग जाती थी.
होंठो से टपकता पानी वो ,पीने का मज़ा कुछ और ही था ll
उस दिन का ख्याल जब आता है,फिर जीने का मन करता है.
लोग कहते है मर जाऊ तो अच्छा है,पर जीने का मज़ा कुछ और ही था llll
– अभिषेक पटेल
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मेरा गम आज फिर छलका मेरी आंखो से, तेरी चाहत फिर लौट आई उन राहो से, जंहा बिछडा था मेरी बांहो से।
उसे बिछडे एक ज़माना हो गाया, दर्द ये पुराना हो गया।
उसकी खुशबू फिर आई इन हवाओ से, जब गया था वो हो कर जुदा। मे बिखार सी गई थी, आज फिर सिमट गई हुं उसके आने से।
– प्रशान्त
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हर फिज़ां बदलेगी खुद थोड़ा बदल तू,
मौसमों के साथ मत लहजा बदल तू.
मेरे कद को नापना गर चाहता है,
लाजमी है अपना पैमाना बदल तू……..
– सुवर्णा.
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